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बुधवार, 16 मई 2018

झूठे डर की जड़ता में.......

झूठे डर की जड़ता में.......
एक महान राजा हुआ करता था।उसको एक दिन सबसे महंगी व् अनूठी ड्रेस पहनने की इच्छा हुई।उसने सभी मंत्रियों को आदेश दिया कि ऐसी ड्रेस की व्यवस्था की जाए कि जो आजतक किसी ने इस लोक में पहनी नहीं हो!सबने अपने अपने हिसाब से प्रयास करने शुरू कर दिए।कहीं कोई ऐसा कपडा व् दर्जी नहीं मिला कि इस तरह की मांग पूरी हो सके।अंत में एक फ़क़ीर ने ऐसी ड्रेस लाने की बात कही तो उसे राज दरबार में पेश किया गया।फ़क़ीर ने कुल मिलाकर दस हजार रूपए खर्च बताया।उसने बताया कि ऐसी ड्रेस परलोक से लानी पड़ेगी।मैं चमत्कार से वहां जाऊंगा और ले आऊंगा।राजा ने पैसे दिए और पंद्रह दिन का समय दिया गया।फ़क़ीर दस हजार रूपए लेकर गायब हो गया।दरबारियों ने सोचा कि अब फ़क़ीर वापिस नहीं आएगा!

लोकतंत्र पर थूकता ब्राह्मणवाद!


लोकतंत्र पर थूकता ब्राह्मणवाद!
दो अप्रैल के भारत बंद में 17दलितों की हत्या कर दी गई और पंडित परशुराम की जयंती पर थानेदार ने हथियार न लहराने को बोला तो पहले तो उसके साथ बदतमीजी की गई व बाद में खुद एसपी साहब की मौजूदगी में माफी मंगवाई गई।ज्ञात रहे राजस्थान में सिर्फ 5%ब्राह्मण है!परंपरागत आरक्षण इस देश को खा रहा है या संवैधानिक आरक्षण खा रहा है आप खुद विश्लेषण कीजिये।
अगर थानेदार माफी नहीं मांगता तो ब्राह्मण आईजी उसको परेशान करते!ब्राह्मण महासभा का ब्राह्मण वकील झूठे इल्जाम लगाकर मुकदमा करता और ब्राह्मण जज उसको सजा देता और ब्राह्मण मंत्री उसको नौकरी से बर्खास्त करता!

सोमवार, 14 मई 2018

मैँ बुद्ध की धरती से आया हूँ....



मैँ बुद्ध की धरती से आया हूँ....
आपने यह शब्द लगभग हर भारतीय प्रधानमंत्री, मंत्री या बड़े अधिकारी के मुंह से विदेशों में बोलते हुए सुना होगा।ऐसा क्या कारण है कि ये लोग देश मे हिन्दू-हिन्दू,श्रीराम का गुणगान करते है और विदेश जाते ही इनका सुर बदल जाता है!इसको जानने के लिए आइए इतिहास के झरोखों में लिए चलता हूँ व आपको बताता हूँ कि किस प्रकार यह बुद्ध की धरती है और किस प्रकार महात्मा बुद्ध अर्थात सिद्धार्थ बुद्ध से 2500 साल पहले से बौद्ध धर्म चला आ रहा था!