लोकतंत्र पर थूकता ब्राह्मणवाद!
दो अप्रैल के भारत बंद में 17दलितों की हत्या कर दी गई और पंडित परशुराम की जयंती पर थानेदार ने हथियार न लहराने को बोला तो पहले तो उसके साथ बदतमीजी की गई व बाद में खुद एसपी साहब की मौजूदगी में माफी मंगवाई गई।ज्ञात रहे राजस्थान में सिर्फ 5%ब्राह्मण है!परंपरागत आरक्षण इस देश को खा रहा है या संवैधानिक आरक्षण खा रहा है आप खुद विश्लेषण कीजिये।
अगर थानेदार माफी नहीं मांगता तो ब्राह्मण आईजी उसको परेशान करते!ब्राह्मण महासभा का ब्राह्मण वकील झूठे इल्जाम लगाकर मुकदमा करता और ब्राह्मण जज उसको सजा देता और ब्राह्मण मंत्री उसको नौकरी से बर्खास्त करता!
देश मे कुल रोजगार की 2%नौकरियां सरकारी क्षेत्र में है।जहाँ 85%आबादी के लिए 49%आरक्षण है और 15%सवर्णों के लिए 51%खुला मैदान है योग्यता दिखाने के लिए व कई राज्यों में तो रोस्टर सिस्टम खत्म करके 15%के लिए 51%आरक्षण लागू कर दिया।
देश की जीडीपी से ज्यादा सम्पदा मंदिरों के पास है!देश की संपदा पर 10%लोगों का कब्जा है।संवैधानिक आरक्षण को भीख बताकर रोज गालियां दी जा रही है!
संवैधानिक आरक्षण परंपरागत आरक्षण से दलितों-पिछड़ों को छुड़ाने के लिए विशेष अवसर उपलब्ध करवाने का तरीका है।अगर कोसना है तो सरकारी तंत्र में नीचे से लेकर शीर्ष पर काबिज ब्राह्मणवादी कब्जेधारियों को कोसना चाहिए!विधायिका,कार्यपालिका व न्यायपालिका में स्व-घोषित ब्राह्मणवादी आरक्षण के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।90%पूंजी पर कब्जा जमाए बैठे 10%लोगों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
इस देश के जल,जंगल,जमीन पर हर नागरिक का अधिकार है।इसकी लूट को रोकने के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
यह वीडियो बताता है कि आप अगर अपनी जायज मांगों को लेकर सड़कों पर विरोध करोगे तो ब्राह्मणवादी सत्ता के इशारों पर लाठियों से हड्डीयाँ तुड़वा दी जाएगी,गोलियों से सीना छलनी करवा दिया जाएगा!मगर ब्राह्मण महासभा के गुंडे हथियार लेकर गुंडई करेंगे और किसी पुलिस वाले ने टोकने की कोशिश की तो पुलिस वाले की जाति देखकर उसके साथ बदतमीजी की जाएगी व उससे माफी मंगवाई जाएगी।यह असली ताकतवर परंपरागत आरक्षण का ख़ौफ़नाक रूप है जो इस देश के लोकतंत्र की लुटिया डुबो रहा है।
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