सोमवार, 14 मई 2018

किसान-कमेरे और छात्र राजनीति


जय नारायण यूनिवर्सिटी जोधपुर की छात्रसंघ अध्यक्ष बहन कांता ग्वाला ने blue heaven नाम से आज एक कार्यक्रम का आयोजन इंजीनियरिंग कॉलेज जोधपुर में किया है।मुझे ज्यादा जानकारी तो नहीं है लेकिन जब भाई हार्डी संधू गा रहा था तो पीछे के पोस्टर पर मेरी नजर पड़ी तो वहाँ बहन कांता के साथ उसके भाई चेतन ग्वाला का संधू के बराबर एक फोटो नजर आया था।पता नहीं बहन अपनी योग्यता का प्रदर्शन कर रही थी या भाई बहन को आगे करके अपना राजनीतिक धरातल तलाश रहा था!

लेकिन इतना समझ मे आया कि पंजाबी का प्रचार-प्रसार बहुत बढ़िया तरीके से हुआ।यह एक शुभ संकेत है कि राजस्थान के युवाओं की अच्छी खासी तादात पंजाबी गानों पर झूम रही थी।जोधपुर की छात्र राजनीति कभी भी किसान-कमेरों की हितेषी नहीं रही थी व न आज उनकी जुबान बनने का दावा कर सकती है लेकिन अनजाने में ही सही लेकिन भगवे को किनारे करके भाई संधू को सुनना अच्छा लगा।बाकी बहन कांता ग्वाला का जीतने के बाद जिस प्रकार किसान-कमेरे छात्रों के हितों के लिए मैदान में उतरने के बजाय जगह-जगह मंदिरों में जाकर पाखंड को बढ़ावा दिया या दिखावटी स्वागत समारोहों में अपना समय बर्बाद किया वो मुझे व्यक्तिगत तौर पर नागवार गुजरा।
खैर जो भी हो लेकिन स्वार्थ में लुटाने की दौड़ के बीच कुछ अच्छा हो जाये तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए और इस दौड़ के हर मोड़ पर आलोचना करके अवगत करवाने का हमारा प्रयास भी जारी रहना चाहिए।
रश्के कमर तो अच्छा था लेकिन किसान आंदोलनों के समय आपकी चुपी हैरान करने वाली थी।किसान परिवार के बच्चों से इस तरह की बेरुखी किसानों को तो निराश करती ही है लेकिन आपके सपनों को हवा में उछालकर बिकाऊ बना देती है।खैर आप युवा हो और उम्मीदों/सपनों व गानों के बोल पर कदम थिरकते रहे यही हमारी कामना है।कदम डगमगाये तो आ जाना सहारा सदैव अपनी कौम ही देती रही है और उस परंपरा में आपको भी दे देगी।
प्रेमाराम सियाग
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